प्रश्न : गुरुजी, जब मैं समस्या मे होता हूँ तो साधना करता हूँ। पर जब समस्या दूर हो जाती है तो मैं पथ से दूर हो जाता हूँ। इसके लिए मैं क्या करूँ?
श्री श्री रवि शंकर : तुम देखो इसका क्या करना है। एक कहावत है
"दु:ख मे सिमरन सब करे, सुख मे करे ना कोई।
सुख मे सिमरन जो करे, सो दु:ख काहे को होए॥
यह हम पर भी लागु होती है। हम खुशी मे भी प्राणायाम, सुदर्शन क्रिया, साधना करते हैं तो वो सुख बना रहता है।
आज ही अख़बार में था कि डिपरैशन का पूरा इलाज केवल ध्यान से ही हो सकता है। एन्टी डिपरैशन दवाइयों से पूरा ईलाज नहीं होता और कुछ समय में डिपरैशन वापिस आ जाता है। कुछ समय के लिए लगता है कि डिपरैशन ठीक हो गया है पर बाद में डिपरैशन ज़्यादा प्रबलता से वापिस आता है। आज कई लोग डिपरैशन से पीड़ित है और नहीं जानते ऐसा कुछ भी है जिससे वो डिपरैशन से बाहर आ सकते हैं। इसलिए ज़रुरी है कि हम ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक यह पहुँचाएं।
"दु:ख मे सिमरन सब करे, सुख मे करे ना कोई।
सुख मे सिमरन जो करे, सो दु:ख काहे को होए॥
यह हम पर भी लागु होती है। हम खुशी मे भी प्राणायाम, सुदर्शन क्रिया, साधना करते हैं तो वो सुख बना रहता है।
आज ही अख़बार में था कि डिपरैशन का पूरा इलाज केवल ध्यान से ही हो सकता है। एन्टी डिपरैशन दवाइयों से पूरा ईलाज नहीं होता और कुछ समय में डिपरैशन वापिस आ जाता है। कुछ समय के लिए लगता है कि डिपरैशन ठीक हो गया है पर बाद में डिपरैशन ज़्यादा प्रबलता से वापिस आता है। आज कई लोग डिपरैशन से पीड़ित है और नहीं जानते ऐसा कुछ भी है जिससे वो डिपरैशन से बाहर आ सकते हैं। इसलिए ज़रुरी है कि हम ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक यह पहुँचाएं।
🙏🏻 जय गुरुदेव 🙏🏻
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